Punjab News: मुख्यमंत्री भगवंत मान की दूरदर्शी सोच और अरविंद केजरीवाल के शिक्षा मॉडल से प्रेरित होकर, पंजाब ने देश भर में एक ऐतिहासिक पहल शुरू की है जिसने पारंपरिक शिक्षा प्रणाली को बदल दिया है। अब, पंजाब के कक्षाओं में बच्चे न केवल डिग्री हासिल कर रहे हैं, बल्कि अपने खुद के व्यवसाय की नींव रख रहे हैं। यह केवल शिक्षा नहीं, बल्कि एक आर्थिक क्रांति है, जिसे ‘बिजनेस क्लास’ (उद्यमिता मानसिकता पाठ्यक्रम – ईएमसी) कहा जाता है।
यह कार्यक्रम, जो अब उच्च शिक्षा में एक अनिवार्य विषय बन गया है, युवाओं को नौकरी चाहने वालों से नौकरी देने वालों में बदलने की दिशा में पंजाब सरकार का एक ऐतिहासिक कदम है। मुख्यमंत्री मान ने स्पष्ट रूप से कहा, “अब पंजाब का हर युवा उद्यमी बनेगा और हर कॉलेज नए व्यवसायों का जन्मस्थान बनेगा।”
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी 2020) के अनुसार, पंजाब सरकार ने उच्च शिक्षा में उद्यमिता मानसिकता पाठ्यक्रम (ईएमसी) को अनिवार्य कर दिया है। यह पाठ्यक्रम 2025-26 के शैक्षणिक सत्र से बीबीए, बीकॉम, बीटेक और बीवोक जैसे प्रमुख पाठ्यक्रमों में शुरू किया गया है। अपनी शुरुआत से ही, 20 विश्वविद्यालयों, 320 आईटीआई और 91 पॉलिटेक्निक संस्थानों के लगभग 1.5 लाख छात्र “बिज़नेस क्लास” में भाग ले चुके हैं।
यह कार्यक्रम “पंजाब बिज़नेस ब्लास्टर्स” मॉडल पर आधारित है, जिसने हज़ारों बच्चों को स्कूल स्तर पर उद्यमी बनने का आत्मविश्वास दिया। अब यही तरीका कॉलेज स्तर पर भी अपनाया जा रहा है। पंजाब ने साबित कर दिया है कि शिक्षा का असली मकसद सिर्फ़ डिग्री देना नहीं, बल्कि युवाओं को आत्मनिर्भरता और आत्मविश्वास से सशक्त बनाना है। इस कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण इसका एआई-सक्षम डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म, “पंजाब स्टार्टअप ऐप” है, जो छात्रों को आइडिया से लेकर बिज़नेस तक के पूरे सफ़र में मार्गदर्शन करता है। पंजाबी, हिंदी और अंग्रेज़ी में उपलब्ध यह ऐप छात्रों को बिज़नेस प्लानिंग, मार्केटिंग, वित्तीय प्रबंधन सीखने और निवेशकों से जुड़ने के अवसर प्रदान करता है।
छात्रों को हर सेमेस्टर में एक नया बिज़नेस आइडिया विकसित करना होता है, उसका प्रोटोटाइप बनाना होता है और फिर उसे बाज़ार में उतारकर राजस्व अर्जित करना होता है। इस अनुभव के आधार पर, उन्हें दो क्रेडिट पॉइंट दिए जाते हैं। न परीक्षा, न रटंत – अब हर छात्र का मूल्यांकन उसकी कमाई और नवाचार के आधार पर होगा। यह सिर्फ़ शिक्षा नहीं, बल्कि ‘कमाते हुए सीखो’ की क्रांति है जिसने कॉलेजों को छोटे-छोटे उद्योगों में बदल दिया है।
मुख्यमंत्री मान ने कहा, “पंजाब के बच्चों में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है; ज़रूरत थी तो अवसरों की। हमने उन्हें सिर्फ़ किताबें ही नहीं, बल्कि अपने सपनों को हकीकत में बदलने के साधन भी दिए हैं। आज हमारी कक्षाओं में भावी उद्यमियों को तैयार किया जा रहा है। यह योजना युवाओं को रोज़गार की कतार में नहीं, बल्कि मेज़ पर ला रही है।”
