पंजाब में गेहूं खरीद सुचारु, लिफ्टिंग में केंद्र की लापरवाही: मंडी बोर्ड चेयरमैन
चंडीगढ़, 29 अप्रैल 2025 (पंजाब ब्यूरो): पंजाब मंडी बोर्ड के चेयरमैन स. हरचंद सिंह बरसट ने केंद्र सरकार और खाद्य निगम (एफसीआई) पर मंडियों से गेहूं की लिफ्टिंग में लापरवाही का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार के नेतृत्व में राज्य की मंडियों में गेहूं की खरीद तेजी से चल रही है और किसानों को समय पर भुगतान सुनिश्चित किया जा रहा है, लेकिन लिफ्टिंग की जिम्मेदारी केंद्र सरकार की है, जिसमें वह बार-बार नाकाम रही है।
स. बरसट ने मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा, “मंडियों से खरीदी गई फसल की लिफ्टिंग केंद्र सरकार और एफसीआई की जिम्मेदारी है। हर साल लिफ्टिंग में देरी होती है, जिसका खामियाजा पंजाब के किसानों को भुगतना पड़ता है। मौजूदा समय में मौसम अनुकूल है, लेकिन यदि बारिश होती है और गेहूं भीग जाता है, तो इसकी पूरी जिम्मेदारी केंद्र सरकार की होगी।” उन्होंने केंद्र और एफसीआई से अपील की कि वे अपनी जिम्मेदारी को गंभीरता से लें और लिफ्टिंग का कार्य तेजी से पूरा कर देशभर में अनाज की आपूर्ति सुनिश्चित करें।
मंडियों में सुचारु व्यवस्था, किसानों की सुविधा प्राथमिकता
पंजाब मंडी बोर्ड के चेयरमैन ने बताया कि मुख्यमंत्री स. भगवंत सिंह मान के निर्देश पर मंडियों में गेहूं की खरीद सुचारु रूप से चल रही है। मंडियों में किसानों, आढ़तियों और मजदूरों के लिए सफाई, पेयजल, शौचालय, छाया और बैठने की समुचित व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा, “पंजाब सरकार ने किसानों की हर सुविधा का ध्यान रखा है, लेकिन लिफ्टिंग में केंद्र की ढिलाई से मंडियों में स्टॉक जमा हो रहा है, जो चिंता का विषय है।”
1865 पक्की, 1028 अस्थायी मंडियों में खरीद जारी
स. बरसट ने बताया कि पंजाब मंडी बोर्ड ने गेहूं की खरीद के लिए 1865 पक्की मंडियों की व्यवस्था की है, जिनमें 152 मुख्य यार्ड, 285 सब-यार्ड और 1428 खरीद केंद्र शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, फसल की भारी आमद को देखते हुए 1028 अस्थायी मंडियों की भी घोषणा की गई है, जहां खरीद कार्य जोरों पर है।
उन्होंने आंकड़े साझा करते हुए कहा कि अब तक मंडियों में 106.85 लाख मीट्रिक टन गेहूं की आवक हुई है, जिसमें से 104.72 लाख मीट्रिक टन की खरीद पूरी हो चुकी है। इस खरीदे गए गेहूं में से 47.19 लाख मीट्रिक टन की लिफ्टिंग हो चुकी है। विशेष रूप से, 28 अप्रैल को मंडियों में 4.41 लाख मीट्रिक टन गेहूं की आवक दर्ज की गई, जबकि 4.96 लाख मीट्रिक टन की खरीद हुई।
केंद्र पर बढ़ा दबाव, किसानों में नाराजगी
मंडी बोर्ड चेयरमैन ने चेतावनी दी कि लिफ्टिंग में देरी से मंडियों में गेहूं का स्टॉक जमा हो रहा है, जिससे किसानों, आढ़तियों और मजदूरों को परेशानी हो सकती है। उन्होंने कहा, “केंद्र सरकार को यह समझना होगा कि समय पर लिफ्टिंग न केवल किसानों के हित में है, बल्कि देश की खाद्य आपूर्ति श्रृंखला के लिए भी जरूरी है।” पंजाब आढ़तिया एसोसिएशन के अध्यक्ष रविंदर सिंह चीमा ने भी लिफ्टिंग में देरी की आलोचना की और कहा कि परिवहन और मजदूरी से जुड़ी समस्याओं को तुरंत हल करने की जरूरत है।
पंजाब सरकार की प्रतिबद्धता
स. बरसट ने जोर देकर कहा कि पंजाब सरकार किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि खरीद प्रक्रिया में पारदर्शिता और समयबद्ध भुगतान सुनिश्चित किया जा रहा है। मंडी बोर्ड और सरकारी एजेंसियों ने अब तक 47.19 लाख मीट्रिक टन गेहूं की लिफ्टिंग की है, लेकिन बाकी स्टॉक की लिफ्टिंग के लिए केंद्र सरकार को तुरंत कदम उठाने होंगे।
पंजाब सरकार ने केंद्र से बार-बार लिफ्टिंग प्रक्रिया तेज करने का आग्रह किया है, लेकिन एफसीआई और अन्य केंद्रीय एजेंसियों की सुस्ती के चलते प्रक्रिया धीमी बनी हुई है। स. बरसट ने कहा, “हमारा लक्ष्य है कि पंजाब का किसान परेशान न हो और देश को उच्च गुणवत्ता का अनाज समय पर मिले। केंद्र सरकार को इस दिशा में गंभीरता दिखानी होगी।”