दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 7 मई 2025 को देश के 244 जिलों में नागरिक सुरक्षा मॉक ड्रिल आयोजित करने का निर्देश दिया है। यह पहलगाम आतंकी हमले और भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनजर उठाया गया कदम है। यह 1971 के बाद पहली बार है जब इतने बड़े पैमाने पर सिविल डिफेंस ड्रिल हो रही है। इसका उद्देश्य हवाई हमले या आपात स्थिति में नागरिकों को तैयार करना और प्रशासनिक तालमेल को परखना है।
मॉक ड्रिल में क्या होगा?
एयर रेड सायरन: शाम 4 बजे से सायरन बजेंगे, जो हवाई हमले की चेतावनी का संकेत देंगे।
ब्लैकआउट: शहरों में बिजली बंद कर दुश्मन की नजर से बचने का अभ्यास होगा।
निकासी योजना: लोगों को सुरक्षित स्थानों, जैसे बंकरों तक ले जाने की प्रैक्टिस होगी।
प्रशिक्षण: स्कूलों, कॉलेजों और समुदायों में नागरिकों को प्राथमिक उपचार, शरण लेने और सुरक्षा तकनीकों की ट्रेनिंग दी जाएगी।
कैमोफ्लाज: महत्वपूर्ण इमारतों और संयंत्रों को छिपाने की रणनीति का परीक्षण होगा।
क्या करें?
सायरन सुनें: सायरन बजते ही शांत रहें और नजदीकी सुरक्षित स्थान, जैसे बंकर या बिना खिड़की वाला कमरा, ढूंढें।
आधिकारिक सूचना पर भरोसा: रेडियो, टीवी या सरकारी अलर्ट पर ध्यान दें। अफवाहों से बचें।
जरूरी सामान तैयार रखें: 3 दिन का पानी, सूखा भोजन (बिस्किट, ड्राई फ्रूट्स), प्राथमिक चिकित्सा किट, टॉर्च, बैटरी, रेडियो, जरूरी दस्तावेज और पावर बैंक साथ रखें।
ब्लैकआउट का पालन: रात में लाइटें बंद करें, खिड़कियों पर मोटे पर्दे या काला कागज लगाएं।
परिवार और बच्चों को तैयार करें: निकासी मार्ग और सुरक्षा प्रक्रिया की जानकारी दें। ड्रिल में हिस्सा लें।
प्रशासन का सहयोग करें: स्थानीय अधिकारियों के निर्देशों का पालन करें।
क्या न करें?
घबराएं नहीं: यह केवल अभ्यास है, डरने की जरूरत नहीं।
खुले में न रहें: सायरन सुनते ही बाहर न रुकें, तुरंत शरण लें।
अफवाहें न फैलाएं: केवल सरकारी सूचना साझा करें।
संदिग्ध वस्तु न छुएं: अगर कोई अज्ञात चीज दिखे, तो पुलिस को सूचित करें।
अनावश्यक यात्रा न करें: ड्रिल के दौरान ट्रैफिक डायवर्जन हो सकता है, जरूरी न हो तो बाहर न निकलें।
नागरिकों से अपील
गृह मंत्रालय और बीजेपी ने नागरिकों, छात्रों और स्वयंसेवकों से ड्रिल में सक्रिय भागीदारी की अपील की है। यह अभ्यास न केवल सुरक्षा तंत्र को मजबूत करेगा, बल्कि आपात स्थिति में नागरिकों की मानसिक और शारीरिक तैयारी को भी बढ़ाएगा। अपने जिला प्रशासन की वेबसाइट या स्थानीय समाचारों से ड्रिल की जानकारी लें।