दिल्ली ब्यूरो: दक्षिण दिल्ली का पंचशील विहार, जो कभी अपनी शांति और पॉश कॉलोनियों के लिए जाना जाता था, अब गुंडों और अपराधियों का अड्डा बन चुका है। बीते हफ्ते A-19, पंचशील विहार में कुछ हथियारबंद गुंडों ने एक दुकान में घुसकर फायरिंग की और दुकानदार और ग्राहकों को गोली मारने की धमकियां दीं। ये घटना 3 मई रात 11-12 बजे के करीब की है. फायरिंग की इस घटना ने पूरे इलाके में दहशत फैला दी है। स्थानीय लोग बताते हैं कि चोरी, मारपीट, और असामाजिक तत्वों का जमावड़ा अब रोजमर्रा की बात हो गई है। लेकिन सबसे शर्मनाक है दिल्ली पुलिस की निष्क्रियता और भ्रष्टाचार, जो अपराधियों को खुली छूट दे रही है। केंद्र और दिल्ली में बीजेपी की सरकार होने के बावजूद कानून व्यवस्था चौपट है। आखिर कब तक दिल्लीवासी इस गुंडाराज में डरकर जीने को मजबूर रहेंगे?
A-19 में फायरिंग: CCTV में गुंडों का बेखौफ तांडव
पंचशील विहार की A-19 गली में रात के वक्त चार हथियारबंद गुंडे एक किराना दुकान में घुस गए। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, इन गुंडों ने 3-4 राउंड गोलियां चलाईं और हाथ में पिस्टल लिए हुए फिर दुकानदार और दुकान में मौजूद लोगों को गोली मारने की धमकी देने लगे. ये पूरी घटना दुकान। में लगे CCTV कैमरे में कैद हो गई. दुकानदार ने बताया कि “उन्होंने कहा, ‘पैसा नहीं दिया तो गोली मार देंगे।’ मैंने तुरंत 112 पर कॉल किया, लेकिन पुलिस काफी देर बाद पहुंची।” घटनास्थल पर खाली कारतूस मिले, लेकिन हैरानी की बात ये है कि पुलिस ने अभी तक कोई FIR दर्ज नहीं की। एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी ने कहा, “हमने गोलियों की आवाज सुनी और बच्चे डरकर रोने लगे। यह पॉश कॉलोनी अब जंगलराज में बदल चुकी है।”
#DelhiPolice #Delhi_in_BJP_Rule
दिल्ली में कानून व्यवस्था चौपट, ट्रिपल इंजन की सरकार में देखिए क्या हो रहा है ? ओपन फायरिंग करते हुए पंचशील विहार में दुकान में घुसे गुंडे, लोगों को धमकाया, स्थानीय लोग दहशत में.@gupta_rekha @DCPSouthDelhi @LtGovDelhi @shikharaibjp @AamAadmiParty pic.twitter.com/DX5iAtNiJy— द भारत खबर (@thebharatkhabar) May 5, 2025
कॉलोनी में अराजकता: रेहड़ी-पटरी और असामाजिक तत्वों का कब्जा
पंचशील विहार, जो, पंचशील पार्क, साकेत कोर्ट और मालवीय नगर से घिरी हुई एक रिहायशी कॉलोनी है, अब रात में असामाजिक तत्वों का अड्डा बन चुका है। स्थानीय लोग बताते हैं कि रेहड़ी-पटरी वालों का जमावड़ा दिन-रात लगा रहता है, और कॉलोनी में कुछ दुकानें पूरी रात खुली रहती हैं, जहां शराब, नशा और वैश्याव़ति का कारोबार धड़ल्ले से चलता है। एक निवासी नाम ने बताने की शर्त पर गुस्से में कहा, “रात को गलियों में शराबी और गुंडे घूमते हैं। बच्चे और औरतें घर से निकलने में डरती हैं। पुलिस को शिकायत करने पर वे कहते हैं, ‘हम देख लेंगे,’ लेकिन कुछ होता नहीं। घटनास्थल से थोड़ी ही दूर खिड़की DDA फ्लैट और त्रिवेणी कॉम्प्लेक्स में दो पुलिस बूथ बने हुए हैं, लेकिन वहां कभी कोई पुलिसवाला नहीं रहता, बल्की इन पुलिस बूथ के आसपास पुलिसवालों ने रेहड़ी पटड़ी वालों को जगह दी हुई है.
पंचशील विहार और उससे लगते शेख सराए की गलियों में अवैध रेहड़ियों ने फुटपाथ और सड़कों पर कब्जा जमा लिया है। ये रेहड़ियां न केवल ट्रैफिक जाम और गंदगी का कारण बन रही हैं, बल्कि गुंडों और नशेड़ियों के लिए छिपने की जगह भी बन गई हैं। एक अन्य निवासी ने बताया कि कुछ दिन पहले यहां पर चाकूबाजी भी हुई थी लेकिन इन घटनाओं से पुलिस सबक नहीं ले रही है. लोग कहते हैं कि पुलिस गुंडों से ‘फटीक का पैसा’ लेकर उन्हें छोड़ देती है।” कुछ स्थानीय लोगों का दावा है कि रात में खुले रहने वाली दुकानों के पीछे पुलिस की मिलीभगत है। पुलिस को यहां से मंथली मिलती है।
पुलिस की लापरवाही: भ्रष्टाचार का काला सच
पंचशील विहार के निवासियों का सबसे बड़ा गुस्सा दिल्ली पुलिस की निष्क्रियता और कथित भ्रष्टाचार पर है। कई लोग दावा करते हैं कि पुलिस अपराधियों से पैसे लेकर उन्हें छोड़ देती है। दिल्ली पुलिस के एक गुमनाम अधिकारी ने स्वीकार किया, “कुछ थानों में ‘फटीक’ का सिस्टम चलता है। ऊपर से नीचे तक हिस्सा बंटता है। अगर कोई ईमानदार पुलिसवाला इसका विरोध करे, तो उसका ट्रांसफर हो जाता है।”
पुलिस की नाकामी के आंकड़े भी चौंकाने वाले हैं। दिल्ली पुलिस के 2025 के पहले तिमाही के आंकड़ों के अनुसार, दक्षिण दिल्ली में चोरी की घटनाएं 12% और मारपीट के मामले 8% बढ़े हैं। लेकिन इनमें से केवल 30% मामलों में FIR दर्ज हुई, और 10% से कम में गिरफ्तारी हुई। पंचशील विहार में CCTV कैमरों की कमी और रात में पुलिस गश्त का अभाव अपराधियों को बेखौफ बना रहा है। एक सामाजिक कार्यकर्ता, वरुण शर्मा ने कहा, “पुलिस को अपराध रोकने से ज्यादा ‘हफ्ता’ वसूलने में रुचि है। यह दिल्ली की कानून व्यवस्था का काला सच है। लोगों में कानून का कोई डर ही नहीं बचा है। असमाजिक तत्व टू व्हीलर पर बिना हेलमेट के घूमते हुए नजर आएंगे, क्योंकि उन्हें कानून का भय ही नहीं है। अपराध की ये सबसे पहली सीढी है। ”
बीजेपी सरकार की नाकामी: पूर्व केजरीवाल सरकार भी थी परेशान
दिल्ली में कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी हमेशा से केंद्र सरकार के अधीन रही है, क्योंकि दिल्ली पुलिस गृह मंत्रालय के तहत काम करती है। पहले आम आदमी पार्टी (AAP) और अरविंद केजरीवाल की सरकार के दौरान कानून व्यवस्था की बदहाली को लेकर कई बार केंद्र की बीजेपी सरकार से गुहार लगाई गई लेकिन कोई सुधार देखने को नहीं मिला. अब, जब दिल्ली और केंद्र दोनों में बीजेपी की सरकार है, हालात में अब भी कोई सुधार नहीं दिखता। स्थानीय निवासी और चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (CTI) के सदस्य बृजेश गोयल ने तल्खी से कहा, “केजरीवाल हो या बीजेपी, दिल्ली पुलिस की कार्यप्रणाली वही ढाक के तीन पात है। केंद्र में अमित शाह जैसे सख्त गृह मंत्री होने के बावजूद पंचशील विहार जैसे पॉश इलाकों में गुंडे फायरिंग कर रहे हैं। यह शर्मनाक है।”
सुप्रीम कोर्ट ने 2006 में प्रकाश सिंह मामले में पुलिस सुधारों का आदेश दिया था, जिसमें स्वतंत्र पुलिस शिकायत प्राधिकरण की स्थापना शामिल थी। लेकिन 2025 तक यह प्राधिकरण दिल्ली में प्रभावी ढंग से काम नहीं कर रहा। इससे पुलिस की जवाबदेही सुनिश्चित करने में कमी आई है। दिल्ली के गृह मंत्रालय और पुलिस आयुक्त से इस मामले पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया, जो उनकी उदासीनता को और उजागर करता है।
सामाजिक प्रभाव: डर में जीता पंचशील विहार
पंचशील विहार की फायरिंग और बढ़ती आपराधिक घटनाएं स्थानीय निवासियों के लिए खतरे की घंटी हैं। हैरानी की बात ये है कि यह कॉलोनी साकेत कोर्ट, सिलेक्ट सिटी वॉक मॉल, मालवीय नगर मेट्रो स्टेशन, और मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, पंचशील पार्क जैसे प्रमुख स्थानों के करीब है। ऐसी घटनाएं न केवल निवासियों के लिए डर पैदा कर रही हैं, बल्कि दिल्ली की राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय छवि को भी धूमिल कर रही हैं।
सोशल मीडिया पर इस घटना को लेकर गुस्सा फूट पड़ा है। एक X पोस्ट में लिखा गया, “पंचशील विहार में फायरिंग? दिल्ली अब गैंगस्टरों का गढ़ बन चुकी है। बीजेपी सरकार और दिल्ली पुलिस कहां सो रही है?” एक अन्य यूजर ने लिखा, “मालवीय नगर थाने की पुलिस को ‘फटीक’ मिल जाए, तो वे गुंडों को छू तक नहीं सकते। यह दिल्ली का जंगलराज है।” ये प्रतिक्रियाएं जनता के गुस्से और असुरक्षा की भावना को दर्शाती हैं।
समाधान की राह: अब और देर नहीं
पंचशील विहार जैसे इलाकों में कानून व्यवस्था को बहाल करने के लिए तत्काल और सख्त कदम उठाने की जरूरत है:
CCTV और गश्त बढ़ाएं: पंचशील विहार में 24/7 CCTV निगरानी और रात में नियमित पुलिस गश्त अनिवार्य हो।
FIR और कार्रवाई में पारदर्शिता: हर शिकायत पर तुरंत FIR दर्ज हो, और जांच की प्रगति जनता के साथ साझा की जाए।
भ्रष्टाचार पर लगाम: ‘फटीक का पैसा’ और हफ्ता वसूली की प्रथा पर सख्त कार्रवाई हो। दोषी पुलिसकर्मियों का तत्काल निलंबन जरूरी है।
रेहड़ी-पटरी पर नियंत्रण: अवैध रेहड़ियों और रात में खुले ढाबों पर MCD और पुलिस संयुक्त अभियान चलाए।
पुलिस सुधार लागू करें: सुप्रीम कोर्ट के 2006 के निर्देशों को लागू कर पुलिस को जवाबदेह बनाया जाए।
समुदाय की भागीदारी: स्थानीय निवासियों अगर संदिग्ध गतिविधियों की सूचना दे तो पुलिस उसे गंभीरता से ले।
- ग्राउंड फ्लोर पर दुकानें : ग्राउंड फ्लोर पर सिर्फ पार्किंग की अनुमति हो, दुकानें बनाने की अनुमति नहीं दी जाए
निष्कर्ष: दिल्ली को जंगलराज से बचाएं
पंचशील विहार की A-19 में हुई फायरिंग दिल्ली में कानून व्यवस्था की बदहाली का एक और सबूत है। जब पॉश इलाके की कॉलोनियों में लोग अपनी दुकानों और घरों में सुरक्षित नहीं, तो आम आदमी की क्या हालत होगी? रेहड़ी-पटरी का अतिक्रमण, असामाजिक तत्वों का जमावड़ा, और पुलिस का भ्रष्टाचार इस कॉलोनी को अपराध का गढ़ बना रहा है। केंद्र और दिल्ली में बीजेपी की डबल इंजन सरकार के बावजूद पुलिस की लापरवाही और नाकामी बरकरार है। यह समय है कि दिल्ली पुलिस और प्रशासन अपनी जिम्मेदारी निभाए, वरना पंचशील विहार जैसे इलाके गुंडों के हवाले हो जाएंगे। सवाल यह है: क्या दिल्लीवासी अपने ही शहर में डर के साये में जीने को मजबूर रहेंगे, या सरकार इस जंगलराज को खत्म करेगी?