चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में दशकों से पंचायत की भूमि पर बने अनाधिकृत मकानों में रह रहे लाखों लोगों को बड़ी राहत दी है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में सरकार ने एक नई नीति के तहत वर्ष 2004 से पहले ग्राम पंचायत की शामलात भूमि पर बने 500 वर्ग गज तक के मकानों को नियमित (regularize) करने का फैसला किया है।
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क्या है नियमितीकरण की प्रक्रिया?
इस योजना का लाभ उठाने के लिए पात्र निवासियों को ग्राम पंचायत द्वारा जारी किए गए एक आवेदन पत्र को भरकर जमा कराना होगा। नियमितीकरण के लिए निम्नलिखित प्रक्रिया और शर्तें निर्धारित की गई हैं:
शुल्क: आवेदक को अपनी भूमि को नियमित कराने के लिए वर्ष 2004 के कलेक्टर रेट का 1.5 गुना राशि ग्राम पंचायत को अदा करनी होगी।
पात्रता: यह योजना केवल उन्हीं मकानों पर लागू होगी जो वर्ष 2004 से पहले पंचायत की भूमि पर बने हुए हैं। 500 वर्ग गज तक के निर्माण को नियमित किया जाएगा।
आवेदन: पात्र व्यक्ति को निर्धारित प्रारूप में प्रार्थना-पत्र भरकर ग्राम सचिव के पास जमा कराना होगा।
आवेदन के साथ आवश्यक दस्तावेज़
आवेदकों को अपने दावे को साबित करने के लिए आवेदन पत्र के साथ कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज़ संलग्न करने होंगे:
2004 से पूर्व का प्रमाण: मकान में लगे बिजली या पानी के कनेक्शन का पुराना बिल।
भूमि रिकॉर्ड: गिरदावरी रिपोर्ट, जमाबंदी (वर्ष 2004 और नवीनतम) और मिसलवारी की प्रतियां।
पहचान प्रमाण: आधार कार्ड या वोटर कार्ड।
नक्शा और फोटोग्राफ: मकान का नक्शा (अक्स सिजरा) और मौके पर खींचे गए फोटोग्राफ।
सरकार का उद्देश्य और निवासियों को लाभ
इस नीति का दोहरा उद्देश्य है। एक ओर, इससे उन लाखों ग्रामीण निवासियों को अपनी आवासीय भूमि का कानूनी मालिकाना हक मिलेगा जो दशकों से अनिश्चितता में जी रहे थे। दूसरी ओर, इस प्रक्रिया से पंचायतों को भी अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होगा, जिसका उपयोग गांवों के विकास कार्यों में किया जा सकेगा।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि इस कार्य में तेजी लाने के लिए ग्राम सभा की बैठकों का आयोजन किया जाए और पात्र लोगों को जागरूक करने के लिए गांवों में मुनादी करवाई जाए। उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने को कहा है कि जिन मामलों को मंजूरी मिल चुकी है, उनकी रजिस्ट्री अगले एक महीने के भीतर पूरी कर ली जाए।
