दिल्ली : राजधानी दिल्ली का विकास एक बार फिर राजनीति की भेंट चढ़ता दिखाई दे रहा है। एक-दूसरे को सियासी पटखनी देने की चल रही मौजूदा खींचतान के बीच अब दिल्ली सरकार के सेवा विभाग भी अखाड़ा बन गया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली की चुनी हुई सरकार के अधीन आए इस विभाग पर अध्यादेश के बाद अब उपराज्यपाल की सत्ता मजबूत हुई है। केंद्र सरकार का अध्यादेश आने के बाद दिल्ली सरकार और नौकरशाही में टकराव ज्यादा बढ़ा तो सरकार न तो अधिकारियों से प्रशासनिक काम ले सकेगी और न ही आईएएस अधिकारी किसी काम करने में आगे आएंगे। इसकी जगह नौकरशाही की निगाह राजनिवास और केंद्रीय गृहमंत्रालय की तरफ रहेगी। ऐसा होने की सूरत में इसका असर सरकार के कामकाज और दिल्ली के विकास पर भी पड़ेगा। इसी को लेकर द भारत ख़बर की रिपोर्टर गुरपिंदर कौर ने दिल्ली की आम जनता से बात की और केंद्र के अध्यादेश पर उनकी राय जाननी. यहाँ देखिए पूरी रिपोर्ट :-
Ordinance लाकर Kejriwal की पावर छीनने पर क्या बोली Public | बताया कौन हो BOSS ? Public Reaction | SC

प्रमोद रिसालिया
प्रमोद रिसालिया एक अनुभवी राजनीतिक पत्रकार हैं, जो 'भारत खबर' वेब पोर्टल से जुड़े हुए हैं। उन्हें जमीनी राजनीति की बारीक समझ और तेज विश्लेषण के लिए जाना जाता है। प्रमोद लगातार राष्ट्रीय और क्षेत्रीय राजनीति से जुड़े मुद्दों पर रिपोर्टिंग और विश्लेषण करते हैं। उनकी लेखनी में तथ्यों की सटीकता और जन सरोकारों की गहराई साफ झलकती है। राजनीतिक घटनाक्रमों की रिपोर्टिंग के साथ-साथ वे चुनावी विश्लेषण और सत्ता के समीकरणों पर भी पैनी नजर रखते हैं।
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